निर्णायक मंच के समक्ष “सिर्फ लाठी के साथ बंदिश” और “बल्लम (भाला)” का प्रदर्शन कर सकेंगे अखाड़े
इंदौर। इंदौर शहर की 100 साल पुरानी और शहर की पहचान अनंत चतुर्दशी का चल समारोह (झांकी) इस साल भी आगामी 17 सितम्बर को परंपरागत रूप से निकाला जाएगा। इस चल समारोह में आकर्षक झांकियां निकलेगी, वहीं दूसरी और शस्त्र कलाओं का प्रदर्शन करते हुए अखाड़े भी निकलेंगे। जिला प्रशासन द्वारा सर्वश्रेष्ठ झांकियों और अखाड़ों का चयन कर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। जिला प्रशासन के निर्णायक मंच के समक्ष प्रदर्शन के लिए इस बार दो शस्त्र कला विधाओं का चयन किया गया है। इस मंच के समक्ष अखाड़ों के कलाकार “सिर्फ लाठी तथा “बल्लम (भाला)” का प्रदर्शन कर सकते हैं। इस बार कला प्रदर्शन में तलवार, चाकू, कुर्सी आदि का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा।
उक्त शस्त्र कला का निर्धारण आज संभागीय जनसंपर्क कार्यालय इंदौर में संपन्न हुई जिला प्रशासन अखाड़ा निर्णायक समिति की बैठक में किया गया। बैठक में समिति के सदस्य सचिव तथा संयुक्त संचालक जनसंपर्क डॉ. आर.आर. पटेल, समिति सदस्य रविन्द्र सिंह गौड(एडवोकेट), गोपाल यादव, गोपाल बौरासी, विनोद गांधी, मीत कश्यप, रमेश यादव तथा जनसंपर्क अधिकारी महिपाल अजय मौजूद थे।
कला प्रदर्शन के लिए मिलेगा 3 मिनट का समय
समिति द्वारा इस बार निर्णय लिया गया है कि उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर शस्त्र कला के उक्त दोनों वर्गों में महिला अखाड़ों को विशेष पुरस्कार दिया जाएगा। प्रत्येक खेल के लिये तीन-तीन मिनट का समय प्रत्येक अखाड़े को दिया जाएगा। अखाड़ों को समय और अनुशासन का पालन करना होगा। अखाड़ों को जिला प्रशासन द्वारा तय किये गये दिशा निर्देशों का पूर्ण पालन करना होगा। अखाड़ों के साथ डीजे का उपयोग भी प्रतिबंधित रहेगा।