ओलिंपिक पदक चूकने के बाद पहली बार बोलीं विनेश फोगट
जींद। हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट ने पहली बार पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम बढ़े वजन से मेडल से चूकने के बारे में बात की। विनेश ने जिंद में रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि मेडल को लेकर उनके पास कानूनी विकल्प था, यह उन्हें भारतीय डेलिगेशन नहीं बल्कि एक दोस्त ने बताया था। विनेश ने यह भी कहा कि भाजपा वालों ने ओलिंपिक मेडल को मेरा मेडल समझा। मेरी कोई मदद नहीं की गई।
बृजभूषण शरण सिंह को भाजपा आलाकमान की हिदायत, विनेश-बजरंग के खिलाफ न बोलें तो बेहतर
भाजपा ने पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह को पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के खिलाफ बयान देने से बचने को कहा है। एक इंग्लिश मैग्जीन की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से रविवार को यह जानकारी दी गई। बीजेपी आलाकमान की यह सलाह ऐसे समय आई है, जब भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख ने कांग्रेस में शामिल होने पर दोनों पहलवानों के खिलाफ सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि फोगाट और पूनिया ने कुश्ती में नाम कमाया और खेल से मशहूर हुए। अब कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनका नामोनिशान मिट जाएगा। मालूम हो कि विनेश और बजरंग पूनिया उन पहलवानों में से थे, जो बृजभूषण सिंह के खिलाफ पिछले साल धरने पर बैठे थे। उन पर कई युवा पहलवानों के शोषण का आरोप लगाया था। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस ने डब्ल्यूएफआई पर नियंत्रण और भाजपा पर हमले की अपनी साजिश में पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को मोहरे के तौर पर इस्तेमाल किया। उन्होंने 2012 के डब्ल्यूएफआई चुनाव में कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा को हराया था, इसलिए वे उनसे रंजिश रखते हैं।’ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर उन्होंने कहा, ‘वे चेहरे थे… वे मोहरे थे। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस और कांग्रेस परिवार ने उन्हें मोहरों की तरह इस्तेमाल किया।