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Monday, December 23, 2024
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बेटियों को शिक्षित बनाने के प्रयास जरूरी, देश के विकास में अहम योदगान देंगी बेटियां- राष्ट्रपति मूर्मु

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देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह सम्पन्न

इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार दोपहर 3 बजे यूनिवर्सिटी के तक्षशिला कैंपस पहुंची। मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु के हाथों अलग-अलग कोर्स के 46 टॉपर्स (छात्रों) काे गोल्ड मेडल प्रदान किए। समारोह में कुलाधिपति और राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहे। इस दौरान राष्ट्रपति मूर्मु ने कहा कि बेटियों को शिक्षित तथा आत्मनिर्भर बनने के लिये प्रोत्साहित किया जाये। देश को विकसित बनाने में बेटियों का अहम योगदान रहेगा। उन्होंने कहा कि बेटियों को शिक्षित तथा आत्मनिर्भर बनाने तथा देश के सर्वागीण विकास के लिये सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई होलकर महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता का उत्तम उदाहरण है। देवी अहिल्याबाई होलकर ने कुशल प्रशासन, न्याय परायणता और कल्याणकारी कार्यों में कई मानक स्थापित किये है। इस अवसर पर केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलगुरू रेणु जैन भी विशेष रूप से मौजूद थीं।

इंदौर ने असाधारण उपलब्धि हासिल की

राष्ट्रपति ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में इंदौर ने देश में असाधारण उपलब्धि हासिल की है। इसके लिए इंदौरवासियों को बधाई। उन्होंने कहा कि यह शहर देवी अहिल्याबाई होलकर के नाम से पहचाना जाता है। इंदौर में विश्वविद्यालय भी देवी अहिल्याबाई के नाम पर स्थापित है। यह हमारे लिये गौरव का समय है, जब हम देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती मना रहे हैं। लोक माता अहिल्याबाई शिक्षा के महत्व को समझती थी। उनके पिता ने भी उस दौर में उन्हें शिक्षा दिलाई जब बालिकाओं को शिक्षा दिलाना बहुत कठिन होता था। समाज के लोग उस वक्त शिक्षा का विरोध करते थे। उनका जीवन महिला सशक्तिरण का उत्तम उदाहरण है। उन्होंने अपने जीवन और शासन काल में महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिये नवीन और सफल प्रयास किये। उन्होंने जनजातिय समाज की आजीविका को सुनिश्चित करने के लिये निर्णय लिये उसे मुर्त रूप दिया और उनके विकास के लिये अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई ने कुशल प्रशासन, न्याय परायणता और कल्याणकारी कार्यों में कई मानक स्थापित किये है। उनका जीवन महिलाओं के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, शैक्षणिक सहित अनेक क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव का बेहतर उदाहरण रहा है। उन्होंने अपने आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प से कठिनाईयों एवं संघर्ष के दौर में रास्ते बनाये। इस रास्ते पर आज सुगमता से चला जा रहा है। उन्होंने एक विदेशी कवियत्री की कविता का जिक्र करते हुए कहा कि देवी अहिल्याबाई की ख्याति देश ही नहीं विदेश में भी थी। यह हमारे लिये गौरव की बात है। मैं लोक माता देवी अहिल्याबाई की स्मृति को सादर नमन करती हूं। उन्होंने कहा कि यह लोक माता देवी अहिल्याबाई का ही आर्शीवाद और आदर्शों का प्रतिफल है कि आज दीक्षांत समारोह में सर्वाधिक पदक बेटियों ने ही प्राप्त किये है। उन्होंने पदक प्राप्त सभी बेटियों को शुभकामनाएं दी। राज्यपाल श्री पटेल ने सभी युवाओं से आह्वान किया कि देवी अहिल्याबाई से प्रेरणा लेते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत के सपने को पूरा करने में एक निष्ठ, ईमानदार योगदान के लिए संकल्प बद्ध हों प्रयास करें। उन्होंने कहा कि मैं सभी विद्यार्थियों से अपेक्षा करता हूं कि वे अपने माता-पिता और आचार्यों को भगवान समान मानें और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझकर अच्छी तरह से निभाएं।

देवी अहिल्याबाई समाज सुधारक, न्याय प्रिय, स्वराज एवं सुशासन की पुरोधा थींः सीएम


कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई समाज सुधारक, न्याय प्रिय, स्वराज एवं सुशासन की पुरोधा थीं। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्या बाई ने अपने राज्य के बाहर जाकर लोगों के समग्र कल्याण के लिये भी अनेक काम किये हैं। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्या बाई का जीवन हमारे लिए आदर्श और एवं प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कठिन दौर में शिक्षा हासिल की। संघर्षों और कठिनाईयों का सामना करते हुए साहस के साथ आगे बड़ी है। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्या बाई ने हिमालय की चोटी एवरेस्ट से ऊँचा मनोबल लेकर अपना जीवन जिया है। यह हम सब के लिए प्रेरणा का पुंज है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में शिक्षा नीति लागू की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी क्षेत्रों में कृत संकल्पित होकर कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बौद्धिक सम्पदा पुष्पित और पल्लवित हो रही है। हमारे प्रदेश में अपार बौद्धिक सम्पदा है। हम बौद्धिक सम्पदा का उपयोग प्रदेश के चहुमुखी विकास के लिये कर रहे है। समारोह में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पुस्तिका अतिथियों को भेट की गई। कार्यक्रम के प्रारंभ में कुलगुरू श्रीमती रेणु जैन ने स्वागत भाषण दिया।

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