15.3 C
Indore
Monday, December 23, 2024
Homeमध्यप्रदेशइंदौरजनजाति संस्कृति को संभालने में कलाकारों की भूमिका महत्वपूर्ण - राष्ट्रपति मुर्मू

जनजाति संस्कृति को संभालने में कलाकारों की भूमिका महत्वपूर्ण – राष्ट्रपति मुर्मू

Date:

राष्ट्रपति ने हस्तशिल्पियों एवं जनजाति कारीगरों से रूबरू चर्चा की

इंदौर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को दो दिनी इंदौर प्रवास के दौरान मृगनयनी एंपोरियम में बुनकरों द्वारा हाथकरघा पर तैयार की गई रेशम एवं कॉटन की चंदेरी, महेश्वरी साड़ियों को देखा। इस दौरान उन्होंने आदिवासी क्षेत्र के हस्तशिल्पी, बुनकरों एवं जनजाति कारीगरों से रूबरू होकर चर्चा की और उनकी कला को सराहा। कलाकारों द्वारा राष्ट्रपति मुर्मू को अपने हाथों से निर्मित हस्तशिल्प भी भेंट किया। सभी कलाकार राष्ट्रपति महोदया से मुलाकात को लेकर बहुत उत्साहित थे और उनसे मिलकर बहुत खुश हैं कि उन्हें देश के सर्वोच्च पद पर आसीन द्रौपदी मुर्मू से रुबरु मिलने व चर्चा करने का अवसर मिला।

इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तथा लघु उद्योग निगम के प्रबंध संचालक एवं सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी भी उपस्थित थे।

कलाकारों को प्रोत्साहन की जरूरत: मुर्मू

राष्ट्रपति मुर्मू ने इन कलाकारों से चर्चा के दौरान कहा कि हमारी पुरानी संस्कृति एवं परम्परा को संजो कर एवं संरक्षित रखने की जरूरत है। यह कलाकार इसमें अच्छा योगदान दे रहे हैं। इन्हें प्रोत्साहन देने की जरूरत है। जिससे इन कलाकारों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। राष्ट्रपति मुर्मू को इन सभी कलाकारों ने अपने द्वारा निर्मित सामग्री भेंट दी। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने इन कलाकारों के आग्रह पर उनके साथ तस्वीर भी खिंचवाई।

धार जिले के कारीगर मुबारिक खत्री से चर्चा के दौरान राष्ट्रपति ने उनकी कला के बारे में जानकारी ली और पूछा कि वे कब से यह काम कर रहे हैं। इस पर मुबारिक खत्री ने बताया कि उनकी 11 पीढ़ियों से बाग प्रिंट का कार्य किया जा रहा है। वे अपनी इस कला को आने वाली पीढ़ियों को भी सिखा रहे हैं। उन्होंने कॉटन के कपड़े पर बाग प्रिंट कैसे किया जा सकता है, यह करके भी दिखाया और बताया कि अब बांस एवं सिल्क की साड़ियों पर भी बाग प्रिंट किया जाता है।

खरगोन जिले के महेश्वर के बुनकर अलाउद्दीन अंसारी ने राष्ट्रपति को राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हथकरघा साड़ी के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि नर्मदा नदी में दोपहर के समय सूर्य की जो किरणें पड़ती हैं और उनसे नदी में जो लहरें चमकती हैं, उन्हीं लहरों का प्रिंट हथकरघा साड़ियों की बॉर्डर पर उतारा जाता है। मुर्मू इस कलाकारी से बहुत प्रभावित हुई और उन्होंने पूछा कि वे यह काम कब से कर रहे हैं। तब अलाउद्दीन अंसारी ने बताया कि उनका परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी यह कार्य कर रहा है। वर्तमान समय में वे अपने इस कार्य से 300 से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे हैं, जिसमें 70 महिलाएं शामिल हैं।

पद्मश्री से सम्मानित कलाकार से की चर्चा

वर्तमान में भोपाल निवासी एवं मूलत: डिंडोरी की निवासी गोंड भित्तिचित्र की कलाकार पदमश्री दुर्गा बाई व्याम की कला को देखकर राष्ट्रपति बहुत प्रभावित हुई और उसकी इस बात के लिये सराहना की कि वे संस्कृति एवं कला को जीवित रखने और उसे आगे बढ़ाने के लिये कार्य कर रही हैं। दुर्गा बाई ने बताया कि वे बच्चों को इस कला को सीखा रही है और एक संस्था के माध्यम से अन्य लोगों को भी नि:शुल्क इस कला का प्रशिक्षण दे रही है।

राष्ट्रपति ने खरीदी साड़ी और यूपीआई से किया डिजिटल पेमेंट

राष्ट्रपति मुर्मू ने मृगनयनी एंपोरियम में हथकरघा पर निर्मित साड़ियों को देखा और उनकी कलाकारी देखकर प्रसन्न हुई। वहां कार्यरत महिला कर्मचारियों से उन्होंने साड़ियों के नाम एवं पेटर्न की जानकारी ली। इस पर उन्हें चंदेरी, महेश्वरी, कॉटन एवं सिल्क की साड़ियां दिखायी गई और उनके बारे में विस्तार से बताया गया। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने वहां की म‍हिला कर्मचारियों से अपनी पसंद की हल्के रंग की एक साड़ी उनके लिये चुनने का अनुरोध किया। जिस पर सरिता गव्हाड़े ने उन्हें हल्के पिंक रंग की महेश्वरी साड़ी पसंद कर दी। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने इस साड़ी का काउंटर पर जाकर यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान भी किया। काउंटर के कर्मचारी कविता भिलवारे एवं विपुल सिंह द्वारा डिजिटल पेमेंट जमा कराया गया। राष्ट्रपति मुर्मू को महिला कर्मचारी अरूणा रापोतू, साधना शुक्ला, संगीता शुक्ला, मीना चौरसिया एवं वंदना कोठारी द्वारा साड़ियां एवं सिल्क के कपड़े दिखाये गये।

सीएम डॉ. यादव ने भेंट की चंदेरी साड़ी

राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू के मृगनयनी एम्पोरियम इंदौर में हस्तशिल्प कलाकारों से संवाद एवं उनकी कला के अवलोकन अवसर पर राष्ट्रपति जी को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी प्रदेश की ओर से चंदेरी साड़ी भेंट की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here