ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाने के दिए निर्देश

आइटीएमएस ट्रैफिक सिग्नल को करेंगे अपग्रेड

इंदौर, दिनांक 14 मई 2025।शहर की यातायात व्यवस्था को अधिक प्रभावी एवं सुव्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से आज सीटी बस ऑफिस में कलेक्टर आशीष सिंह एवं पुलिस आयुक्त संतोष सिंह निगम आयुक्त शिवम वर्मा द्वारा बैठक ली गई। बैठक में इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर. पी. अहिरवाल, नगर निगम के अपर आयुक्त नरेंद्र नाथ पांडे, जिला प्रशासन, नगर निगम, यातायात पुलिस एवं अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।बैठक के दौरान वर्तमान में शहर में लागू यातायात प्रबंधन व्यवस्था की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई। विभिन्न प्रमुख मार्गों एवं चौराहों पर बढ़ते यातायात दबाव, ट्रैफिक जाम की समस्या एवं जनसुविधा से जुड़े मुद्दों पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया।बैठक में यह तथ्य सामने आया कि शहर में ई-रिक्शा का संचालन अत्यधिक मात्रा में हो रहा है, जिससे कई बार यातायात बाधित हो रहा है। इस समस्या के समाधान हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए, जिनमें ई-रिक्शा के संचालन को चिन्हित मार्गों तक सीमित करना एवं उनके नियमन के लिए संबंधित विभागों को ठोस कदम उठाने के निर्देश शामिल हैं।इसके साथ ही शहर में विभिन्न चौराहों एवं ट्रैफिक सिग्नलों पर स्थापित आईटीएमएस (इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए तकनीकी उन्नयन की आवश्यकता जताई गई। अधिकारियों को सिस्टम की समीक्षा कर जल्द से जल्द सुधारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।बैठक में यह भी बताया गया कि कुछ प्रमुख मार्गों पर विद्युत पोल की शिफ्टिंग आवश्यक है। इस कार्य को शीघ्रता से पूर्ण करने हेतु विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश प्रदान किए गए।जोन स्तर पर यातायात प्रबंधन हेतु किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा के दौरान शहर के 8 प्रमुख चौराहों की पहचान की गई, जहां पर यातायात का अत्यधिक दबाव रहता है। इन चौराहों पर ट्रैफिक को सुगम बनाने के लिए स्थानीय दुकानदारों एवं व्यापारियों के साथ समन्वय स्थापित कर अतिक्रमण हटाने एवं मार्गों को चौड़ा करने की दिशा में चर्चा की गई।कलेक्टर एवं पुलिस आयुक्त ने बैठक के अंत में सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि यातायात को बेहतर बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में तेजी लाई जाए तथा सभी कार्यों में आपसी तालमेल एवं तकनीकी संसाधनों का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया जाए।

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