सीएम यादव की अध्यक्षता में हुई इंदौर के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक
मेट्रोपोलिटन सिटी में दोनों शहरों की फिजिबिलिटी रिपोर्ट सबसे बेहतर
इंदौर। इंदौर के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इसमें सीएम यादव ने इंदौर के चहुंमुखी विकास के संबंध में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस दौरान सीएम ने कहा कि सिंहस्थ (2028) से पहले इंदौर-उज्जैन मेट्रो का काम पूरा हो जाएगा। मेट्रो के साथ ही वंदे भारत मेट्रो भी चलाई जाएगी, जो 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। वंदे भारत मेट्रो इंदौर-उज्जैन के बीच ब्रॉडगेज पर चलेगी। उन्होंने कहा कि इंदौर पूरे मालवा खासकर उज्जैन, इंदौर, देवास, धार का कुछ हिस्सा मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में डेवलप होगा। इंदौर जिले का प्रभारी मंत्री बनने के बाद रविवार को पहली बैठक लेने आए सीएम ने कहा कि, मेट्रोपोलिटन सिटी को लेकर चार महानगरों की मोटे तौर पर आउटलाइन बनाई गई है। सबसे अच्छी स्थिति में इंदौर, उज्जैन सहित अन्य शहरों की फिजिबिलिटी रिपोर्ट आई है। विकास के मामले में मध्यप्रदेश एक मॉडल बने। सरकार अच्छे काम को लेकर आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इंदौर तथा आस-पास के क्षेत्रों में तेजी से विकास हो रहा है। इन क्षेत्रों में सुनियोजित विकास की आवश्यकता है। इसको देखते हुए मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र एवं इंदौर रीजनल डेवलपमेंट एरिया विकसित होना चाहिये। इसके मद्देनजर इस क्षेत्र में शामिल होने वाले इंदौर, उज्जैन, धार, देवास के प्रत्येक ग्राम और हर क्षेत्र के समग्र और सुनियोजित विकास का प्लान तैयार होना चाहिये। सभी विकास एजेंसियां समन्वित रूप से विकास प्लान तैयार करें। उन्होंने कहा कि इंदौर में औद्योगिक विकास की भी अपार संभावनाएं हैं। इसको देखते हुए भी कार्य-योजना तैयार हों। साथ ही 4 लेन सड़कों का भी तेजी से विस्तार किया जाये।
सरकार अच्छे काम को लेकर आगे बढ़ेगी
बैठक में सीएम ने विकास को लेकर कई बिंदुओं पर बात करने के साथ ही सुझाव भी लिए। उन्होंने कहा कि भविष्य में विस्तार योजना में रेल मार्ग, सड़क मार्ग, हवाई मार्ग, औद्योगिक क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र, व्यावसायिक क्षेत्र खास हैं। अगली बार अलग-अलग विषयों को लेकर विकास की गति तेज की जाएगी। इसके साथ ही काम सुव्यवस्थित और सुनियोजित तरीके से होंगे। बैठक में शहरी और ग्रामीण निकाय के बीच तालमेल, प्रशासन की सुविधा के अनुसार विकास सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई है।
इंदौर में चल रहे विकास कार्यों की गति बढ़ेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी इंदौर में विकास के जो काम चल रहे हैं, उनकी गति बढ़ेगी। कठिनाइयों को समझकर उनका समाधान निकाला जाएगा। सीमा बढ़ाने के बाद 2012 में 29 गांवों को नगर निगम से जोड़ा गया था। उनमें पेयजल से लेकर सीवरेज, सड़क और सुविधाओं को लेकर जनप्रतिनिधियों ने सुझाव दिए।
एलिवेटेड ब्रिज की जगह 6 छोटे-छोटे ब्रिज बनाए जाएंगे
इंदौर में एलआईजी से नवलखा तक प्रस्तावित एलिवेटेड ब्रिज को लेकर सबसे अहम फैसला लिया गया है। फिजिबिलिटी सर्वे में इस एलिवेटेड कॉरिडोर की उपयोगिता केवल 3 फीसदी आने के बाद इसे नहीं बनाए जाने का फैसला हुआ है। इसकी जगह अहम चौराहों पर छह छोटे-छोटे ब्रिज बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसके लिये कार्य-योजना तैयार करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अमृत योजना की भी समीक्षा की और निर्देश दिये कि शहर में 2047 की आवश्यकता को देखते हुए जल प्रदाय और सीवरेज लाईन के संबंध में कार्य-योजना तैयार कर कार्य शीघ्र प्रारंभ किये जायें। धनराशि के संबंध में भी प्लान तैयार हो। बैठक में मेयर पुष्यमित्र भार्गव के अनुरोध पर 29 गांवो के विकास के लिए कार्ययोजना विशेष फंड, विशेष अनुमति और नजूल की जमीन नगर निगम को हैंडओवर करने की मांग पर मुख्यमंत्री ने मंजूरी दी। पश्चिमी रिंग रोड (चंदन नगर) को लेकर भी मुख्यमंत्री ने मंजूरी दी है।
कान्ह की सफाई हो रही है, दिखना भी चाहिए: विजयवर्गीय
बैठक में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कान्ह नदी की सफाई को लेकर कहा कि काम दिखना भी चाहिए। मंत्री तुलसी सिलावट ने सांवेर की रोड और दूसरे मुद्दे उठाए। विधायक मनोज पटेल ने देपालपुर तो उषा ठाकुर ने भी अपने क्षेत्र से जुड़े मुद्दे रखे।