25.1 C
Indore
Monday, December 23, 2024
Homeबड़ी खबरअसम सरकार का बड़ा फैसला– मुस्लिम शादी और तलाक का रजिस्ट्रेशन जरूरी

असम सरकार का बड़ा फैसला– मुस्लिम शादी और तलाक का रजिस्ट्रेशन जरूरी

Date:

बाल विवाह और काजी सिस्टम खत्म होगा, अगला टारगेट बहुविवाह पर बैन: सीएम हिमंत शर्मा

दिसपुर। मुस्लिम शादियां और तलाक को लेकर असम सरकार ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है। असम विधानसभा ने गुरुवार को मुस्लिम शादियां और तलाक को रजिस्टर करने वाले 90 साल पुराने कानून- असम मुस्लिम मैरिज एंड डिवोर्स रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1935 को रद्द करने का बिल पास किया। इस बिल का नाम असम कंपल्सरी रजिस्ट्रेशन ऑफ मुस्लिम मैरिज एंड डिवोर्स बिल, 2024 है। इस पुराने कानून के रद्द किए जाने के बाद मुस्लिम समाज के लोगों को शादी और तलाक का रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा। 22 अगस्त को असम कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दी थी।

बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाना अगला लक्ष्य: शर्मा

इसे लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि यह विधेयक पार्टी की राजनीति से ऊपर है। अब हमारा अगला लक्ष्य बहुविवाह पर बैन लगाना है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि हमारा उद्देश्य सिर्फ बाल विवाह खत्म करना नहीं है। हम काजी सिस्टम भी खत्म करना चाहते हैं। हम मुस्लिम शादी और तलाक को सरकारी तंत्र के तहत लाना चाहते हैं।सरमा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक सभी शादियों का रजिस्ट्रेशन किया जाना जरूरी है, लेकिन ऐसा करने के लिए राज्य काजियों जैसी निजी संस्था को सपोर्ट नहीं कर सकता है।

विपक्ष ने लगाया ध्रुवीकरण का आरोप

विपक्ष ने असम सरकार के इस फैसले को मुस्लिमों के प्रति भेदभावपूर्ण बताया है। विपक्ष का कहना है कि चुनावी साल में वोटर्स का ध्रुवीकरण करने के लिए इस एक्ट को लाया गया है।

बिल में 2 विशेष प्रावधान हैं…

पहला- मुस्लिम शादी का रजिस्ट्रेशन अब काजी नहीं सरकार करेगी।

दूसरा- बाल विवाह के पंजीकरण को अवैध माना जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here