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Monday, December 23, 2024
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इंदौर के सफल मॉडल की वर्कशॉप में हुई प्रशंसा

Date:

इंदौर नगर निगम का “वेस्ट मैनेजमेंट में सर्कुलैरिटी का मॉडल”

*विशाखापट्टनम में आयोजित “चतुर्थ मुख्य सचिव सम्मेलन” में निगमायुक्त इंदौर के वेस्ट मैनेजमेंट पर दिया प्रेजेंटेशन

विशाखापट्टनम, 29 अगस्त, 2024**: आज विशाखापट्टनम में आयोजित “चतुर्थ मुख्य सचिव सम्मेलन” के संदर्भ में एक विशेष इन-पर्सन वर्कशॉप में इंदौर नगर निगम के आयुक्त श्री शिवम वर्मा ने इंदौर के “वेस्ट मैनेजमेंट में सर्कुलैरिटी के मॉडल” को प्रस्तुत किया। इस अवसर अपर आयुक्त श्री अभिलाष मिश्रा भी उपास्थित थे।

इस वर्कशॉप का उद्देश्य विभिन्न नगर निगमों के बीच इंदौर के सफल वेस्ट मैनेजमेंट मॉडल का आदान-प्रदान करना और इसे एक अनुकरणीय दृष्टांत के रूप में प्रस्तुत करना था। इंदौर का मॉडल न केवल पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करता है बल्कि आर्थिक लाभ भी प्रदान करता है।

**प्रमुख बिंदु:**

1. **सर्कुलर इकोनॉमी की अवधारणा:**
इंदौर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों, 2016 के अंतर्गत सर्कुलर इकोनॉमी के सिद्धांतों को सफलतापूर्वक लागू किया गया है, जिससे कचरे को एक उपयोगी संसाधन में बदला जा सका है। यह मॉडल पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

2. **बायो-सीएनजी प्लांट:**
इंदौर में एशिया का सबसे बड़ा बायो-सीएनजी प्लांट स्थापित किया गया है, जो प्रतिदिन 550 टन गीले कचरे को 18,000 किलोग्राम बायो-सीएनजी और 100 टन खाद में बदलता है। इस पहल से शहर के कार्बन फुटप्रिंट में कमी आई है और 430 बसों के संचालन के लिए स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराया गया है।

3. **मटेरियल रिकवरी फैसिलिटीज **
इंदौर में मटेरियल रिकवरी फैसिलिटीज का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया गया है, जो प्लास्टिक, धातु, और कागज के कचरे को पुनर्चक्रण के लिए संसाधित करता है। इस प्रणाली के माध्यम से लैंडफिल का उपयोग कम हुआ है और नगर निगम की राजस्व में भी वृद्धि हुई है।

4. **विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारी (EPR):**
प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारी मॉडल को अपनाया गया है, जिसमें 6 प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी ऑर्गनाइजेशन (PROs) को शामिल किया गया है। ये संगठन प्लास्टिक कचरे के प्रभावी प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

5. **कार्बन क्रेडिट्स:**
इंदौर नगर निगम ने एशिया में पहली बार कार्बन क्रेडिट्स को सफलतापूर्वक बेचा, जिससे 2019-20 में ₹52 लाख और 2020-21 में ₹8.5 करोड़ की आय हुई। यह कदम पर्यावरण के साथ-साथ आर्थिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित हुआ है।

**कार्यक्रम का निष्कर्ष:**

इस वर्कशॉप में इंदौर के सफल मॉडल की विस्तृत चर्चा हुई और इसे अन्य नगर निगमों के लिए एक प्रेरणास्रोत के रूप में प्रस्तुत किया गया। इंदौर नगर निगम का यह मॉडल वेस्ट मैनेजमेंट में सर्कुलैरिटी के सिद्धांतों को अपनाकर न केवल पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान करता है, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी लाभकारी सिद्ध हो रहा है। इंदौर के सफल मॉडल की वर्कशॉप में प्रशंसा की गई तथा निगम का मॉडल अन्य निगम एवं निकायों में भी अपनाने की बात कही गई।

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