किसानों ने प्राधिकरण को दो टूक कहा जान दे देंगे जमीन नहीं देंगे।

2 घंटे तक किया घेराव, योजना रद्द नहीं हुई तो करेंगे उग्र आंदोलन,दी चेतावनी*इंदौर अहिल्या पथ योजना के पीड़ित किसानों व पीड़ित मजदूरो ने आज इंदौर विकास प्राधिकरण कार्यालय पर प्रदर्शन किया तथा दो घंटे तक घेराव किया इंदौर विकास प्राधिकरण के घेराव में बड़ी संख्या में पीड़ित किसान पहुंचे थे। प्रदर्शन का नेतृत्व रामस्वरूप मंत्री बबलू जाधव ,शैलेंद्र पटेल, हंसराज मंडलोई, संतोष सुनैर , रायसिंह चावड़ा आदि ने किया प्रदर्शनकारी बड़ी देर तक नारेबाजी करते रहे और अहिल्या पथ योजना रद्द करो के नारे के साथ किसान जान दे देंगे जमीन नहीं देंगे के नारे भी लगाते रहें।प्राधिकरण के घेराव में हूई सभा को कई वक्ताओं ने संबोधित किया उनका कहना था कि अहिल्या पथ योजना मेंप्राधिकरण साढ़े ग्यारह सौ हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करने वाला है, जो की खेती और किसानों को बर्बादी की ओर ले जाएगा । इस योजना में कई गरीबों के आशियाने रहने के घर तोड़े जाएंगे जो सरासर गरीबों के साथ अन्याय होगा इसलिए इस योजना को तत्काल रद्द किया जाए । संयुक्त किसान मोर्चा और अहिल्या पथ संघर्ष समिति के आव्हान पर किसान आज सुबह प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे थे। करीब 2 घंटे तक प्राधिकरण कार्यालय के मुख्य द्वार पर किसानों ने धरना दिया और प्राधिकरण कार्यालय का रास्ता बंद कर दिया प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी प्रदर्शनकारी किसानों ने प्रदर्शन के दौरान ही मौजूद आइडिए के भू अर्जनअधिकारी सुदीप मीणा से सवाल जवाब किए किसानों ने योजना से संबंधितप्राधिकरण की पुरानी योजनाओं को पूरा नहीं किए जाने को लेकर कई सवाल उठाए जिनका प्राधिकरण अधिकारी जवाब नहीं दे पाए प्रदर्शन में प्रमुख रूप से गोकुल पटेल, हेम सिंह सिसोदिया रामप्रसाद पटेल,विनोद सिसोदिया ,अमर बागवान , मुकेश सिसोदिया राजेंद्र यादव , सुनीलसुनेर ,बलरामचावडा ,राजेंद्र सिंह चौहान , जसवंत सिसोदिया ,श्री राम राठौर ,जितेंद्र चावड़ा, महेश सिसोदिया मनोज सुनेर, दिलीप सिंह पंवार , लाखन पटेल, विजय सिंह , महेंद्र सिंह चावड़ा , मुकेश गेहलोद, सोनु सिसोदिया आशीष मोरी राहुल सिसोदिया आनंद पटेल अमित सिसोदिया सहित बड़ी संख्या में किसान शरीक थे । किसानों ने इस प्रदर्शन के माध्यम से आयडीए को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि प्राधिकरण ने जोर जबरदस्ती से योजना लागू करने की कोशिश की तो किसान एकजुट होकर इसका पुरजोर विरोध करेंगे और यदि इसमें किसी भी तरह की नुकसानी होती है, जान माल की हानि होती है तो उसकी संपूर्ण जवाबदारी इंदौर विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन की होगी।

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