सरकार ने बिना बताए टाल दिया दो बार के ओलंपिक मेडलिस्ट का सम्मान समारोह
तिरुअनंतपुरम। केरल की माकपा सरकार की नजर में ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ी की कोई अहमियत ही नहीं है। केरल सरकार के अधिकारी एक नहीं, बल्कि दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पीआर श्रीजेश का ‘अपमान’ कर चुके है। एक अंग्रेजी वेबसाइट की खबर के मुताबिक, 26 अगस्त को पीआर श्रीजेश को तब शर्मसार होना पड़ा, जब वह परिवार समेत अपने घर कन्नूर से 485 किलोमीटर का सफर कर केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम पहुंचे। तिरुअनंतपुरम में 26 अगस्त 2024 को श्रीजेश का सम्मान समारोह होना था। पीआर श्रीजेश और उनका परिवार रविवार 25 अगस्त को कन्नूर से तिरुवनंतपुरम पहुंचे।
खाली हाथ घर लौटे पीआर श्रीजेश
इस बीच, शनिवार रात अधिकारियों ने कार्यक्रम स्थगित करने का फैसला किया, लेकिन उन्होंने श्रीजेश को इस बारे में सूचित नहीं किया। पीआर श्रीजेश को राजधानी पहुंचने पर ही कार्यक्रम स्थगित होने की जानकारी मिली। इस घटना के बाद ओलंपियन ने अपने परिवार के साथ घर लौटने का फैसला किया।
पीआर श्रीजेश का प्रतिक्रिया देने से इनकार
‘अंग्रेजी वेबसाइट ने श्रीजेश के हवाले से लिखा, ‘मैं अभी इस स्थिति पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता हूं।’ इस बीच, इस घटना को लेकर पिनारई विजयन सरकार के भीतर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी के अनुसार, चूंकि श्रीजेश शिक्षा विभाग में संयुक्त निदेशक हैं, इसलिए हॉकी खिलाड़ी के लिए सम्मान समारोह आयोजित करना विभाग की जिम्मेदारी है।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
इससे पहले शिक्षा मंत्री ने ऐलान किया था कि सम्मान समारोह शनिवार 24 अगस्त को आयोजित किया जाएगा, लेकिन बाद में कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था। वहीं, खेल मंत्री वी अब्दुरहमान ने कहा कि ओलंपिक पदक विजेता को सम्मानित करने की मुख्य जिम्मेदारी राज्य के खेल विभाग की है। इसी असहमति के कारण, मुख्यमंत्री कार्यालय ने कथित तौर पर हस्तक्षेप किया और कार्यक्रम को स्थगित करने का फैसला किया।
श्रीजेश को 2 करोड़ देने का किया गया था ऐलान
केरल सरकार ने पूर्व भारतीय हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश को 2 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की थी। केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें पीआर श्रीजेश को नकद पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया था। इस दिग्गज गोलकीपर ने हाल ही में पेरिस में संपन्न ओलंपिक खेलों में राष्ट्रीय टीम को लगातार दूसरी बार ओलंपिक कांस्य पदक दिलाने में मदद की थी।