जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन ने ग्राम जाम बुजुर्ग में प्रोजेक्ट उन्नति के अंतर्गत चलाए जा रहे बकरी पालन प्रशिक्षण का किया निरीक्षण
इंदौर। प्रदेश में रोजगार बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को नौकरी देने का राज्य सरकार का लक्ष्य है। इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। वहीं सरकार लोगों को स्वावलंबी बनाने के लिए भी योजना चला रही है। इसकी के तहत मनरेगा योजना में जॉब कार्ड धारी परिवारों को वर्ष में 100 दिवस का रोजगार दिए जाने का प्रावधान है। मजदूरी पर निर्भर परिवारों को मजदूरी पर निर्भरता कम करते हुए अन्य स्वयं व्यवसाय में संलग्न करने के लिए एवं कौशल विकास के उद्देश्य से प्रोजेक्ट उन्नति योजना प्रारंभ की गई है। जिसमें युवाओं को ग्रामीण रोजगार प्रशिक्षण केंद्र आरसेटी के माध्यम से रोजगार उन्मुख प्रशिक्षण दिलाया जाता है।
इंदौर जिले में गत वर्ष बैंक ऑफ़ बड़ौदा के ग्राम भैंसलाय में स्थित प्रशिक्षण केंद्र पर मनरेगा के कार्यरत मजदूरों के प्रशिक्षण का प्रयास किया गया था। किंतु प्रशिक्षण केंद्र दूर होने से आने जाने की असुविधा होने से युवा प्रशिक्षण में आने को इच्छुक नहीं थे। फलत: जिले में प्रोजेक्ट उन्नति में प्रशिक्षण नहीं हो पाए थे। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन द्वारा प्रोजेक्ट उन्नति के प्रशिक्षण में नवीन पहल करते हुए आरसेटी प्रशिक्षण संस्थान के द्वारा बकरी पालन का प्रशिक्षण जनपद पंचायत महू के दूरस्थ आदिवासी बाहुल्य जाम बुजुर्ग ग्राम में आयोजित करवाया गया है। 10 दिवसीय प्रशिक्षण 2 सितंबर से प्रारंभ हुआ है जिसमें 35 युवा बकरी पालन के संबंध में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
सीईओ जैन ने निरीक्षण कर प्रशिक्षार्थियों से चर्चा की
सीईओ सिद्धार्थ जैन द्वारा ग्राम जाम बुजुर्ग में प्रोजेक्ट उन्नति के अंतर्गत चलाए जा रहे बकरी पालन प्रशिक्षण का निरीक्षण भी किया गया। जिले में बैंक ऑफ़ बड़ौदा के आरसेटी प्रशिक्षण संस्थान द्वारा गांव में 31 युवाओं को बकरी पालन का 10 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षक रूपा कौशल ने सीईओ सिद्धार्थ जैन को प्रशिक्षण की रूपरेखा से अवगत कराया। सीईओ जैन द्वारा प्रशिक्षणार्थियों रूक्मा बाई और कालू सिंह कटारे से चर्चा की गई एवं उन्हें बताया कि श्रमिकों की मजदूरी पर निर्भरता कम करने के लिए एवं उन्हें स्वरोजगार हेतु प्रेरित करने के लिए प्रोजेक्ट उन्नति में कौशल विकास के प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं। शिक्षण पूर्ण करने पर हितग्राहियों के बैंक ऋण के प्रकरण भी प्रस्तुत किए जाएंगे, जिससे इन हितग्राहियों को बकरी पालन से आय अर्जित हो सकेगी।
प्रशिक्षण में उपस्थित बैंक सखी ने बताया कि उनके द्वारा भी आरसेटी में प्रशिक्षण प्राप्त किया है और अब वह आत्मनिर्भर है। अपना स्वयं का व्यवसाय कर आय अर्जित कर रही हैं। पति पर निर्भर नहीं है एवं स्कूटी से कहीं भी भ्रमण कर अपना कार्य स्वयं करने में सक्षम हैं।